Cloud Computing क्या है।
Cloud Computing एक ऐसी तकनीक है। जिसमें डाटा या Information को इन्टरनेट द्वारा किसी रिमोट सर्वर पर Store और Manage किया जाता है। इसमें डाटा उपयोगकर्ता के Personal कम्प्यूटर पर Store नही होता है। Cloud Computing में सर्वर, डाटा Storage, डेटाबेस और नेटवर्किग इत्यादि संसाधन शामिल होते है। इसका आविष्कार 1960 के दशक में J. C. R. Licklider ने ARPANET पर अपने काम के साथ लोगो और डेटा को किसी भी समय कही से भी जोड़ने के लिये किया था। यह उन व्यक्ति या कम्पनी के लिये ज्यादा बेहतर है जिनको अधिक मेमोरी Space की जरूरत होती है। इसलिये यह काफी लोकप्रिय भी है। इसके उदाहरण Google Cloud, Amazon AWS और Dropbox आदि है।दूसरे शब्दो में -
Cloud Computing इन्टरनेट पर सेवाओ के रूप में Computing संसाधनो जैसे- सर्वर, डेटा Storage, नेटवर्किग और डेटाबेस इत्यादि की On Demand उपलब्धता है। इसमें उपयोगकर्ता को किसी विशेष हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की जरूरत नही पड़ती है। वह इन्टरनेट के माध्यम से Computing संसाधनो का उपयोग कर सकता है।Cloud Computing के उपयोग।
Cloud Computing का उपयोग कई क्षेत्रो में होता है। लेकिन उनमें से कुछ इस प्रकार है।1- Online डाटा Storage में।
2- कला के क्षेत्र में।
3- E-commerce में।
4- Big डाटा Analysis में।
5- Backup और Recovery में।
6- शिक्षा के क्षेत्र में।
7- Social Media में।
8- Development और Testing में।
9- मंनोरंजन के क्षेत्र में।
Cloud Computing के प्रकार।
Cloud Computing मुख्यत 2 प्रकार के होते है।1- Cloud Deployment मॉडल के आधार पर।
2- Cloud Service मॉडल के आधार पर।
1. Cloud Deployment मॉडल के आधार पर।
Cloud Deployment मॉडल के आधार पर Cloud Computing 4 प्रकार का होता है।1. Public Cloud -
Public Cloud किसी 3rd पार्टी Cloud Provider द्वारा संचालित होता है। यह हर किसी के लिये उपलब्ध होता है। इसको कोई भी व्यक्ति Access कर सकता है। यह Pay Per Use होता है। अर्थात इसको उपयोगकर्ता जितना उपयोग करता है उतना भुगतान करता है। इसके उदाहरण Amazon AWS और Microsoft Azure आदि है।2. Private Cloud -
Private Cloud किसी संगठन के लिये होता है। अर्थात संगठन इसे अपने निजी उपयोग के लिये बनाती है। यह काफी सुरक्षित होता है। इसे Coorporate Cloud भी कहा जाता है। इसके उदाहरण Dell EMC और HPE (Hewlett Packard Enterprise) आदि है।3. Hybrid Cloud -
यह Public Cloud और Private Cloud दोनो से मिलकर बना होता है। इसमें Public Cloud पर चलने वाली सेवाओ को कोई भी व्यक्ति Access कर सकता है। तथा Private Cloud पर चलने वाली सेवाओ को संगठन के उपयोगकर्ता ही Access कर सकते है। इसलिये यह आंशिक रूप से सुरक्षित होता है। यह काफी Flexible भी होता है। इसके उदाहरण Google Application Suite और VMware Cloud आदि है।4. Community Cloud -
Community Cloud दो या दो से अधिक संगठनो के द्वारा Access किया जाता है। अर्थात यह एक समूह के लोगो के लिये उपलब्ध होता है। यह एक Distrubuted सिस्टम की तरह होता है। जिसमें एक समूह के लोग आपस में डाटा या सूचना आदान-प्रदान कर सकते है। इसके उदाहरण Cisco और Cloud4C आदि है।2. Cloud Service मॉडल के आधार पर।
Cloud Service मॉडल के आधार पर Cloud Computing 3 प्रकार का होता है।1. IaaS -
IaaS का पूरा नाम Infrastructure as a Service होता है। इसमें उपयोगकर्ता को Cloud पर Cloud Provider से अपने जरूरत के अनुसार संसाधन जैसे- सर्वर, Cloud Storage, नेटवर्किग और डेटाबेस आदि खरीदना पड़ता है। अर्थात IaaS में उपयोगकर्ता को सेवा के रूप में एक Infrastructure ही मिलता है। इसके उदाहरण AWS EC2 और Microsoft Azure आदि है।2. Paas -
PaaS का पूरा नाम Plateform as a Service होता है। इसमें उपयोगकर्ता को एक Plateform मिलता है। यहा उपयोगकर्ता को केवल Computing पावर और Storage मिलता है। PaaS में कोई प्रोग्रामर या डेवलपर आसानी से वेब एप्लीकेशन बनाकर Deploy और Manage कर सकता है। इसके उदाहरण AWS Elastic Beanstalk और Heroku आदि है।3. SaaS -
SaaS का पूरा नाम Software as a Service होता है। यह एक सॉफ्टवेयर Distribution मॉडल है। जो उपयोगकर्ता को इन्टरनेट पर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन Access करने की अनुमति देता है। इसमें उपयोगकर्ता की डाटा सबसे ज्यादा सुरक्षित रहता है। SaaS में किसी सॉफ्टवेयर को Install करने की जरूरत नही होती है। इसके उदाहरण Gmail और Dropbox आदि है।इसे भी पढ़ें।
1. ChatGPT क्या है। ChatGPT कैसे काम करता है। ChatGPT in Hindi
Cloud Computing के फायदे।
Cloud Computing के फायदे इस प्रकार है।1- Cloud Computing में डाटा को आसानी से Store और Backup किया जा सकता है।
2- इसका इस्तेमाल करने पर Cost में बचत होता है। क्योकि इसके लिये किसी तरह का महंगा System नही खरीदना पड़ता है।
3- Cloud Computing डाटा की सुरक्षा भी प्रदान करता है। क्योकि इसमें Encryption, Firewall और DDOS Protection जैसी सुरक्षा सुविधाये मिलती है।
4- यह Scalable और Flexible दोनो होता है।
5- Cloud Computing का उपयोग इन्टरनेट के माध्यम से कही भी, किसी भी समय कम्प्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन इत्यादि पर किया जा सकता है।
6- इसका इस्तेमाल करना काफी आसान होता है।
Cloud Computing के नुकसान।
Cloud Computing के नुकसान इस प्रकार है।1- Cloud Computing को इस्तेमाल करना इन्टरनेट के बिना असम्भव है। अर्थात इन्टरनेट होना जरूरी है।
2- इसमें डाटा Loss या चोरी होने का डर रहता है।
3- Cloud Computing में Technical समस्या होने की वजह से सर्वर Down भी हो सकता है।
4- इसमें उपयोगकर्ता केवल Computing संसाधनो का उपयोग कर सकता है। क्योकि इसका पूरा नियंत्रण Cloud Provider के पास होता है।