RFID क्या है। RFID के प्रकार। RFID in Hindi

इस ब्लॉग में RFID क्या है। इसका उपयोग कहा कहा होता है। इसके Component तथा Tag कितने होते है। RFID कितने प्रकार का होता है। तथा इसके फायदे और नुकसान क्या होता है। इन सब के बारे में अध्ययन करने की कोशिश करते है।

RFID क्या है।

RFID का पूरा नाम Radio Frequency Identification होता है। यह एक Tag और Reader से बना Wireless Identification तकनीक है। जो रेडियो तरंगो की Frequency पर आधारित है। इसका आविष्कार आधिकारिक रूप से Charles Walton द्वारा 1983 में किया गया था। इस तकनीक का उपयोग स्वचालित रूप से लोगो, जानवरो या वस्तुओ की पहचान करने या उन्हे Track करने के लिये किया जाता है।
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RFID का उपयोग।

RFID का उपयोग बहुत से क्षेत्रो में किया जाता है। लेकिन उनमें से कुछ इस प्रकार है।
1- जानवरो के Tracking में।
2- Inventory मैनेजमेन्ट में।
3- Library में।
4- वाहनो के Tracking में।
5- Shiping में।
6- क्रेडिट कार्ड में।
7- Healthcare में।
8- होटल में।
9- Security कन्ट्रोल में।

RFID के Component

RFID के तीन Component होते है।
1- Antenna
2- Transponder
3- Transceiver

1. Antenna

RFID में Antenna का प्रयोग Signal को Transmit करने के लिये किया जाता है। इसको अक्सर RFID Reader पर लगाया जाता है।

2. Transponder

RFID में Transponder का प्रयोग किसी अन्य डिवाइस से रेडियो Signal का पता लगाने और Expected प्रतिक्रिया देने के लिये किया जाता है।

3. Transceiver

RFID में Transceiver का प्रयोग एक ही Integrated सर्किट पर RFID Reception और Transmission स्थापित करने के लिये किया जाता है। यह RFID Reader के समान कार्य करता है।

RFID के Tag

RFID के मुख्यत दो Tag होते है।
1- Active RFID
2- Passive RFID

1. Active RFID

Active RFID के पास अपना Power Source होता है। अर्थात इसमें बैटरी लगी होता है। यह Power के लिये आत्म निर्भर होता है। यह Reader को दूर से भी Signal प्राप्त कर सकता है। ये महंगे होते है। इनकी Read करने की सीमा Passive RFID से अधिक होता है।

2. Passive RFID

Passive RFID के पास अपना Power Source नही होता है। अर्थात यह Power के लिये RFID Reader पर निर्भर रहता है। और Reader के Range में आने पर Signal प्राप्त करता है। ये सस्ते होते है। इनकी Read करने की सीमा Active RFID से कम होता है।

RFID के प्रकार।

RFID मुख्यत चार प्रकार के होते है।
1- Low Frequency RFID
2- High Frequency RFID
3- Ultra High Frequency RFID
4- Microwave RFID

1. Low Frequency RFID

Low Frequency RFID की Range 30 KHz से 500 KHz तक होता है। इसे Tag को Scan करने के लिये किसी को आइटम के करीब होना चाहिये। इसकी अधिकतम सीमा 3 फीट होता है। इसका इस्तेमाल Animal Control और Access Control इत्यादि में किया जाता है।

2. High Frequency RFID

High Frequency RFID की Range 3 MHz से 30 MHz तक होता है। इसकी सीमा 5-6 फीट के आसपास होता है। इसका इस्तेमाल भुगतान, Ticketing और डेटा Transfer एप्लिकेशन में किया जाता है।

3. Ultra High Frequency RFID

Ultra High Frequency RFID की Range 300 MHz से 960 MHz तक होता है। इसकी सीमा 20-25 फीट के आसपास होता है। इसका इस्तेमाल तेल, गैस और वाहन Tracking इत्यादि में किया जाता है।

4. Microwave RFID

Microwave RFID की Range 2.45 GHz तक होता है। इसकी सीमा 30 फीट से अधिक तक होता है। इसका इस्तेमाल लोगो या वस्तुओ की पहचान इत्यादि में किया जाता है।

RFID के फायदे।

RFID के निम्नलिखित फायदे इस प्रकार है।
1- RFID एक साथ कई वस्तुओ को Scan कर सकता है।
2- इससे Inventory प्रबन्धन में काफी सुधार होता है।
3- RFID का इस्तेमाल Automation में करने पर समय और धन की बचत होता है।
4- यह Lock सिस्टम सुरक्षा को Secure बनाये रखता है। क्योकि इसे पढ़ने के लिये विशेष उपकरणो की जरूरत होती है।
5- RFID डाटा की सटीकता और उपलब्धता में सुधार करता है।
6- यह Barcode के विपरीत काफी अधिक जानकारी संग्रहीत कर सकता है।

RFID के नुकसान।

RFID के निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार है।
1- RFID में धातु और तरल जैसी सामग्री Signal को प्रभावित कर सकती है।
2- उत्पादो के साथ RFID का उपयोग करने पर उत्पादो की Privacy नही रहती है। क्योकि RFID से उत्पादो को Intercept किया जा सकता है।
3- Active RFID बैटरी के कारण महंगा होता है।
4- इसको Implementat करना थोड़ा कठिन और समय लेने वाला हो सकता है।

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